UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में आचार संहिता कब लगेगी - क्या होती है आदर्श आचार संहिता?

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में आचार संहिता कब लगेगी - क्या होती है आदर्श आचार संहिता?

 उत्तर प्रदेश चुनाव 2022ः आचार संहिता एक प्रक्रिया



जैसा कि आप जानते हैं कि आने वाले दिनों में Uttat Pradesh election 2022 का समय नजदीक चला आ रहा है। ऐसे में सभी के मन में यह प्रश्न आ रहा होगा कि उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल को देखते हुए चुनाव आयोगा आदर्श आचार संहिता की घोषणा कब करेगा। क्योंकि बीते समय में कयास लगाये जा रहे थे कि 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश में  आचार संहिता लग सकती है लेकिन अभी खबरें सामने यह आने लगी हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल को देखते हुए और प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार के किये हुए वादे अभी पूरे नहीं हो रहे हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश में आचार संहिता जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह में या फिर फरवरी 2022 में लगने की पूरी- पूरी संभावना जताई जा रही है।  आचार संहिता कब लगाई जाती है पूरी जानकारी पोस्ट के अंत में वर्णित है।

अब आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है तो आपको बता दें कि चुनाव आयोग भी केंद्र सरकार के इशारे से ही काम करता है हांलांकि चुनाव आयोग के अपने अलग अधिकार होते हैं और चुनाव के भी अपने कायदे कानून होते हैं लेकिन मोदी जी के भाषणों में आपने खूब सुना होगा कि वह जहां भी भाषण देते हैं वहां यह कहते बिल्कुल नहीं थकते कि हमारी डबल इंजन की सरकार है दरअसल डबल इंजन की सरकार का मतलब होता है कि हमारी केंद्र और राज्य दोनों जगह सरकार है। 

आपको बतां दे कि बीते कुछ महीने पहले जब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग ने पारंभिक आहर्ता परीक्षा आयोजित कराई थी उसी समय योगी जी ने खुद वादे किये थे कि मार्च 2022 तक हम कम से कम 26000 पदों पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग के पेट परीक्षा के आधार पर भर्ती करवायेंगे, पेट का रिजल्ट तो आ चुका है लेकिन आयोग की तरफ से अभी तक किसी भी परीक्षा का पाठ्यक्रम तक जारी नहीं किया गया है, और न ही कोई भर्ती से संबन्धित नॉटिफिकेशन जारी किया गया है। 

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ऐसी खबरें निकल आ रहीं है कि उत्तर प्रदेश को चुनाव को देखते हुए योगी सरकार कम से कम कुछ भर्तियों के विज्ञापन आचार संहिता से पहले निकालने की कवायद में जुटी है। लेकिन योगी सरकार की कवायद कहां तक पहुंची है इसके बारे में कोई अनुमान लगा पाना मुश्किल काम लग रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल है तो सरकार युवा वर्ग को साधने के लिए कोई न कोई भर्ती का विज्ञापन तो जरूर निकालेगी। 

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से दो सबसे बड़ी भर्तियो पर अभ्यर्थियों की नजर लगातार बनी हुई है पहली भर्ती संभवतः स्वास्थ्य कार्यकर्ता की और दूसरी भर्ती उत्तर प्रदेश लेखपाल पद की होने जा रही हैं। ऐसा सुनने मे आ रहा है कि इन भर्तियों के विज्ञापन जनवरी 2022 में आचार संहिता लगने से पहले जारी किये जा सकते है। 

क्या है आचार संहिताः

आचार संहिता के लिए हम आपको विकिपीडिया की ऑफिशियल से कुछ बाते जो कि आचार संहिता के लिए जरूरी हैं हमने अपनी पोस्ट में शामिल की हैं। जो कि निम्नलिखित हैः-

भारतीय निर्वाचन आयोग की आदर्श चुनाव आचार संहिता राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिए बनाई गई एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागुू होंने की घोषणा करता है। और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की।

आचार संहिता कब लागू की जाती हैः

यह सरकार राजनीतिक दलों उम्मीदवारों तथा जनता को दिये गये निर्देश हैं जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाता है।
   चुनाव आचार संहिता संविधान में वर्णित नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी यह एक क्रमशः प्रक्रिया का परिणाम है। इसका प्रवर्तन एऩ. शेषण द्वारा किया गया था जो कि एक चुनाव आयुक्त थे। चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बाते शामिल है-
  1. जब आचार संहिता लग जाती है तो तत्कालीन सरकार कोई लोक लुभावन घोषणाएं नहीं कर सकती है।
  2. जब आचार संहिता लग जाती है तो तत्कालीन सरकार कोई भी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोगा नहीं कर सकती है।
  3. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारो के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे नहीं उठाये जा सकते है।
  4. कोई भी राजनीतिक पार्टी चुनाव के दौरान धन-बल  और बाहु-बल का प्रयोग नहीं कर सकता है।
इस सब के उल्लघंन करने पर चनाव आयोग कोई कार्यवाही नहीं करता वरन सीधा कारावास का प्रावधान है।

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