मध्य प्रदेश मे अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण 14 प्रतिशत
मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षको की भर्ती में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण ही दिया जाए।
क्या है पूरी खबरः
दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ओबीसी को 14 प्रतिशत ही आरक्षण देने की बात कही है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की । इससे पहले हाईकोर्ट ने प्रदेश में 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने पर रोक लगाई थी । इसके बाद भी राज्य सरकार ने उच्च- माध्यमिक शिक्षक पदों के चयन मेें 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण तथा 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया है। इसके खिलाफ राजस्थान निवासी प्रवल प्रताप सिंह सहित 11 अन्य ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि जब हाईकोर्ट नें 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा रखी है, तो राज्य सरकार स्कूल शिक्षा विभाग की नियुक्तियों में आरक्षण कैसे दे सकती है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता के अभिमत का हवाला देते हुए सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने जिन प्रकरणों में रोक लगाई है, उनके अलावा अन्य विभागों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जा सकता है। इस सर्कुलर के आधार पर लोक शिक्षण आयुक्त ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पद के चयन में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू कर अंतिम चयन सूची जारी कर दी है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील आदित्य संघी ने दलील दी है कि इंदिरा साहनी केस व मराठा आरक्षण संबंधित केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस 10 प्रतिशत लागू करने से कुल आरक्षण 73 प्रतिशत हो जाएगा। इतना अधिक जातिगत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।