राजस्थान के वन निम्नलिखित हैः- |
राजस्थान में मुख्यतः 7 प्रकार के वन पाये जाते है। ये निम्नलिखित हैः-
1. मिश्रित वन
2.शुष्क सागवान के वन
3.उत्तरी ऊष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन
4.ढाक अथवा पलाश के वन
5.सलार के वन
6.ऊष्ण कटिबंधीय शुष्क पतझड़ वन
7.उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
आइये अब इन सभी वनों के बारे में विस्तार से जानते हैः-
1.मिश्रित वन
- यह राजस्थान के सबसे सघन वन है।
- इस प्रकार के वनों में सदाबहार एवं पतझड़ वन मिश्रित रूप से पाए जाते है
- मिश्रित वन सर्वाधिक उदयपुर में पाये जाते है।
- राज्य में मिश्रित वन सिरोही, चित्तौडगढ, कोटा, बूंदी आदि जिलो में पाए जाते है
2.शुष्क सागवान के वन
- राजस्थान में सागवान के सर्वाधिक वन बांसवाड़ा जिले में पाये जाते है।
- इसके अतिरिक्त चित्तोड़गढ़, उदयपुर मे भी सागवान के वन मिश्रित रूप में पाये जाते है।
- यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 6.86% है।
- यहां 75-110 सेमी वर्षा होती है।
3.उत्तरी उष्ण कटिबंधी पतझड़ के वन
- ये वन अरावली पर्वत माला के पर्वतीय ढालो एवं पठारी क्षेत्रो में पाए जाते है
- राजस्थान के सर्वाधिक क्षेत्रों पर इन वनों का विस्तार है।
- इन वनों में आम, नीम, पीपल, खेजड़ी, बरगद के वन प्रमुखता से पाये जाते है।
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4.ढाक अथवा पलाश के वन
- यह राजस्थान के नदी घाटी क्षेत्र की नम मिट्यिों में पाये जाते है।
- पलाश वृक्ष को फ्लेम ऑफ दी फॉरेस्ट कहा जाता है।
5.सालर के वन
- इन वनों में सर्वाधिक इमारती एवं ईंधन लकड़ी के योग्य वृक्ष पाये जाते है।
- यह वन राजस्थान के मध्य एवं मध्य पूर्वी भागों में पाये जाते है।
6.उष्ण कटिबंधीय शुष्क पतझड़ के वन
- पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भागों मे पाये जाते है।
- वनों में वृक्षों की पत्तियॉं वर्ष में कम से कम एक बार पूरी तरह गिर जाती है।
- यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 28.38% है।
- यहां 30 से 60 सेमी वर्षा होती है।
7.उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
- यह वन राजस्थान मे सिरोही जिलें में माउण्ट आबू पर्वत के चारों और 32 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में पाये जाते है।
- यह राजस्थान के कुल वन का लगभग 0.39% है।
- यहां 125-150 सेमी या इससे अधिक वर्षा होती है।