आज दिनांक 17 नवम्बर 2021 को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के अकठौंहा गांव में स्थित अर्जुन बांध में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अर्जुन सहायक परियोजना का निरीक्षण किया जबकि 19 नवंबर 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगें। अर्जुन सहायक परियोजना का कार्य अब पूरा हो चुका है। और अब यह 1.5 लाख किसानों और 168 गांवों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार हो चुकी है। अर्जुन सहायक परियोजना एक सिंचाई और पेयजल दोनो प्रकार की परियोजना है, इसके तहत धसान नदी को केन नदी से जोड़ने का कार्य पूरा किया गया है। इस परियोजना में धसान नदी पर बना बांध लहचूरा बांध को पहले अर्जुन बांध से फिर अर्जुन बांध को दो अन्य बांधों चन्द्रावल बांध और कबरई बांधों से जोड़कर आगे केंथ में मिलाया गया है। इस अर्जुन सहायक परियोजना से महोबा, हमीरपुर और बांदा जिलों के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
अर्जुन सहायक परियोजना: एक नजर
अर्जुन सहायक परियोजना एक सिंचाई परियोजना है और इसके तहत सबसे अधिक लाभांवित जिला हमीर पुर है। इस परियोजना को महोबा जिले के अकठौंहा गांव में स्थित अर्जुन जलाशय में बनाया गया है। अर्जुन जलाशय का निर्माण 1955 ई. में कराया गया था। अर्जुन जलाशय पहली पंचवर्षीय योजना 1951-56 के बीच बनाया गया था। आपको बता दें कि भारत की आज़ादी के बाद जब देश को अपने पैरों पर खड़े होने की जरूरत थी तब 1947 के बाद भारत ने अपने संविधान को 26 जनवरी 1950 को अपनाया और वहीं से योजना आयोग का ताना बाना बुनना चालू हो गया। और सन् 1950 में योजना आयोग के गठन के बाद 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू ने की। और पहली पंचवर्षीय योजना 1951-56 तक चली। पहली पंचवर्षीय योजना में कृषि पर अधिक जोर दिया गया इसी वजह से नये-नये जलाशयों के निर्माण और परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई।
अर्जुन जलाशय का उद्घाटन मा. हाफिज मु. इब्राहीम साहब मा. वित्त मंत्री तथा विद्युत विभाग उत्तर प्रदेश के कर करलों द्वारा दिनांक 18 दिसंबर 1955 को किया गया था।
अर्जुन सहायक परियोजना क्या है?
बांधो को आपस में जोड़कर तैयार इस योजना को तैयार किया गया है, जिसका नाम है अर्जुन सहायक परियोजना । इस परियोजना पर करीब 2600 करोड़ की लागत आई है। इस सिंचाई परियोजना का स्वरूप नदी जोड़ो परियोजना की तरह है। यह परियोजना करीब 12 वर्ष पहले 2009 में किया गया था। इस परियोजना के तहत बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर और बांदा जिलों के लगभग 168 गांब के करीब 1.5 लाख किसानों को परियोजना का सीधा लाभ मिलेगा। जबकि चार लाख लोंगो के पेयजल सुविधा का लाभ भी मिलेगा। अर्जुन बांध परियोजना के द्वारा लगभग 15000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई सुविधा प्रदान की जायेगी।
अर्जुन सहायक परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार का योगदान
अर्जुन सहायक परियोजना एक केंद्र प्रयोजित परियोजना है. जिसमें केन्द्र सरकार का 90 प्रतिशत योगदान जबकि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार का 10 प्रतिशत का योगदान है। 17 नवंबर 2021 को प्रदेश के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ द्वारा अर्जुन सहायक परियोजना का निरीक्षण किया गया क्योंकि 19 नवंबर 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
लहचूरा बांध किस नदी पर बना है?
लहचूरा बांध बेतवा नदी की सहायक नदी धसान नदी पर बना है। जो कि महोबा जिले के पनबाड़ी क्षेत्र के महोबकंठ में स्थित है।
धसान नदीः एक नजर
धसान नदी बेतवा नदी की दाहिने किनारे की सहायक नदी है। धसान नदी मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील निकलती है। इस नदी की लंबाई लगभग 365 किमी. है। इस नदी को प्राचीन काल में दशार्ण के नाम से जाना जाता है। लहचूरा बांध इसी नदी पर निर्मित है।
अर्जुन सहायक परियोजना के लाभ
- 168 गांवों को इस परियोजना का लाक्ष मिलेगा।
- पीने की पानी की समस्या खत्म करके गांवों मे शुद्ध जल उपलब्ध कराया जायेगा।
- 1.5 लाख से ज्यादा किसानों को इस परियोजना का लाभ मिलेंगा।
- बांदा, महोबा और हमीरपुर के लोगों को खेती करने में आसानी होगी।
- बारिश के पानी का संरक्षण कर सिंचाई के उपयोग और पेयजल के रूप में प्रयोग किया जायेगा।
- नहर निर्माण से पानी को सही तरह से उपयोग किया जाएगा।
- तीन बांधो को जोड़़कर पानी का स्तर बढ़ाया जाएगा। इसकी मदद से अन्य क्षेत्र के किसानों को भी लाभ मिलेगा।
- इस परियोजना से 15000 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि की सिंचाई संभव होगी।
इस परियोजना का शुभारंभ 19 नवंबर 2021 को नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया जायेगा।
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