UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश चुनाव में तीसरे चरण का मतदान आज खत्म | 20 फरवरी 2022 को होगा मतदान | जानें किसमें कितना है दम?

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार खत्म - पोस्ट के अंत को जरूर पढ़े

उत्तर प्रदेश में आज 18 फरवरी 2022 को प्रदेश चुनाव के तीन चरणों का चुनाव प्रचार आज सायं दाम गया है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सींटों पर मतदान 20 फरवरी 2022 को कराया जायेगा। जिसकी वजह से आज सायं प्रचार प्रसार को बंद कर दिया गया है।

इस तीसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश  के 5 जिले भी शामिल है जो कि इस प्रकार हैं- फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज, हाथरस। इन पांचों जिलों में 19 विधानसभा सीटें हैं। वहीं अवध क्षेत्र के 6 जिले भी तीसरे चरण में शामिल किये गये है जो कि इस प्रकार हैं- कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा। इन सभी जिलों में 27 विधानसभा सीटें हैं। और वहीं बुंदेलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले को छोड़कर सभी जिलों को शामिल किया गया है। तीसरे चरण में शामिल बुंदेलखंड के जिले हैं- झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा । बुंदेलखंड के इन जिलों में 13 विधानसभा सीटें शामिल हैं।

तीसरा चरण साबित होगा निर्णायक - क्या है इन सींटों की हकीकत 

इस तीसरे चरण में शामिल 59 सींटों शामिल किया गया है, इन सीटों का इतिहास देंखें तो 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 49 सींटो पर अपना कब्जा जमाया था। और समाजवादी पार्टी के खाते में केवल 8 सींटे ही आई थीं। उसका सबसे बड़ा कारण 2017 में उत्तर प्रदेश में मोदी लहर का होना था।

विशेषज्ञों की माने तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी को पहले तीन चरणों में अच्छी शुरूआत मिल जाती है, अंत में जीत उसी पार्टी की होती है। ऐसा ही कुछ 2017 में बीजेपी के साथ हुआ था, 2017 के चुनाव में  बीजेपी ने  पहले तीन चरणों की 172 सींटों में से 140 सींटों में जीत हासिल की थी। जिससे उसकी 2017 में पूर्ण बहुमत की सरकार बन सकी थी।

लेकिन 2022 में आंकड़े 2017 के विपरीत दिखाई दे रहें है, हाल ही आई आईबी की रिपोर्ट में बताया गया है, कि पहले दो चरणों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यहां तक की पहले चरण में 58 सीटों में से सिर्फ 17 सींटे ही मिलने की उम्मीद है। क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जाटों का क्षेत्र माना जाता है। और किसान आंदोलन ने बीजेपी को बहुत भारी नुकसान पहुंचाया है।

तीसरे चरण में कैसा रहेगा हाल- उत्तर प्रदेश चुनाव 2022

विशेषज्ञों का मानना है, कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां किसानों और जाटों का गढ़ था। वैसे ही अब तीसरे चरण को यादवों का गढ़ माना जाता है, और इस क्षेत्र को यादव लैंड के रूप में भी जाना् जाता है। और इस क्षेत्र में बेरोजगारों की भी भरमार है जिसने कई भर्ती आंदोलनों में खूब सरकारी लाठियां खाई है। और सरकार ने कोई भी नौकरियों की भर्ती सही समय से न करा पाने और नौकरियां न निकालने की वजह से नाराज भी है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि इस तीसरे चरण में भी बीजेपी पार्टी को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। और अगर यह चरण भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में जाता है, तो 80 प्रतिशत यह तह हो जायेगा कि अंत में 10 मार्च 2022 को समाजवादी पार्टी की ही जीत होगी।

महोबा जिले के मतदाताओं से अनुरोध- 20 फरवरी 2022 को किसे मतदान करें।

अगर आप महोबा जिले के रहने वालों में से एक है, या फिर तीसरे चरण में शामिल जिलों में से एक हो या फिर पूरे उत्तर प्रदेश के निवासी हो, और विशेषतौर पर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। किसी भी पार्टी को वोट करने से पहले आप उसके बारे में अच्छे से जान लें। और किस पार्टी की सरकार ने किस प्रकार से आन्दोलनकारी अभ्यर्थियों पर लाठी चलवायी और हर जगह एक दम हिटलरशाही शासन जारी रहा। 

मेरा मानना है कि प्रदेश हो या देश कतई हिटलरशाही शासन नहीं होना चाहिये। और न ही जनता को मजबूर करने वाली सरकार आनी चाहिए। और न ही कोई ऐसी सरकार होनी चाहिए ताकि मंहगाई आसमान छूने लगें। और सभी सरकारी विभागों को प्राइवेट करने वाली सरकार को कतई वोट न करें। 

धर्म के नाम पर वोट मांगने वाली पार्टी को कतई वोट न करें। क्योंकि जब तक आप काम नहीं करेंगें तब तक आपको खानें को नहीं मिलेगा। हिन्दूं मुस्लिम के चक्कर में बिल्कुल भी नहीं उलझना है। क्योंकि मेरा मानना है, कि हमारे संविधान में जो धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया है, उसका मतलब ही होता है, सभी धर्म को एक समान देखना। तो जब हमारे देश का संविधान हमें एक समान रहना सिखाता है. तो हम एक साथ रहना क्यों नहीं सीखते। हम हिंदू मुस्लिम आपस में क्यो लड़ते रहते हैं। कायदे से न तो हिंदुओं को मुस्लिम के किसी त्योहार में दखल देना चाहिए और नही मुस्लिम को किसी हिंदू के त्योहार में अगर किसी समय ऐसा मौका आ भी जाता है, कि एक ही दिन दोनो धर्मों के त्योहार है, तो आपसी सौहार्द के साथ समदारी और विवेक से अपने अपने त्योहारों को शांतिपूर्वक निपटा लेना चाहिए अपने आप खुद ही सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।

मेरा मानना है अगर किसी भी व्यक्ति और पार्टी का घमंड नहीं तोड़ा गया तो वह व्यक्ति और पार्टी अहंकारी बन जाती है। और फिर शायद भारत में भी हिटलरशाही शासन की वापसी हो जायेगी।

प्रदेश हित और राष्ट्र हित में बीजेपी को वोट करने से पहले भविष्य के बारे में सोंचें। और चाहे जिस पार्टी को वोट करें। एक बार जरूर सोंचें।

20 फरवरी 2022 को अपने मत का प्रयोग जरूर करें। क्योंकि मत देने का अधिकार आपका अधिकार हैं।

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